किसी लोक कला में मूल रूप से प्रयोग होने वाले चित्र, प्रारूप और वस्तुओं को अनुकल्प / रूपांकन (Motif) कहते है जो किसी  व्यक्ति, स्थान, वस्तु को कला में रूपांकित करते है | मंजूषा कला में किसी भी चरित्र को प्रदर्शित करने की अपनी तकनीक है ; जैसे पुरुष और महिला को अंग्रेजी के “X” अक्षर के रूप में प्रदर्शित करते है  | रूपांकन (Motif) आकृतियाँ किसी भी कला के मुलभुत अंग है, , यह बताता है कि किसी भी कला रूप को उसकी मूल शैली में कैसे चित्रित किया जाए।

मंजुषा कला के लोकप्रिय रूप हैं: पुरुष, महिला, घोड़ा, कलश / बर्तन, पत्ते, पौधे, अंग क्षेत्र के वनस्पति और वन्य जीव; भगवान शिव, भगवान गणेश, मयूर, जहाज, मंजूषा, शिवलिंग, सूर्य, चंपा फूल, मछली, हाथी, मैना पक्षी, कछुआ, सांप, सूर्य, चाँद, मछली आदि।

रूपांकन (Motif) के विभिन्न संयोजन से अनेकों नये नये कला कृति को बनाया जा सकता है यह रचनाशीलता पर निर्भर करता है |