Manjusha Art of Bhagalpur, Bihar Obtained GI Tag

वर्ल्‍ड इंटलैक्‍चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइजेशन (WIPO) के मुताबिक जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग एक प्रकार का लेबल होता है जिसमें किसी प्रोडक्‍ट को विशेष भौगोलि‍क पहचान दी जाती है |

अंग प्रदेश की धरोहर मंजूषा कला को GI Tag प्राप्त हो गया है | भागलपुर को सिल्क, जर्दालू आम, कतरनी चावल के बाद कला क्षेत्र में मिलने वाला यह GI Tag प्रदेश के लिए गौरव की बात है |

Ang Pradesh, Bhagalpur, Bihar

सभी मंजूषा कलाकारों एवं उपेन्द्र महारथी शिल्प संस्थान बधाई के पात्र है जिनके प्रयास से अंग प्रदेश की इस कला को GI Tag – जी आई टैग प्राप्त हुआ है, कला के विकास एवं प्रसार में ये एक महत्वपूर्ण कदम है यहाँ के कलाकारों को ये एक नई उर्जा देगा एवं उनके कला को विशिष्ट पहचान मिलेगा |

Manjusha Art GI Tag
Manjusha Art GI Tag

Geographical Indication Registry Link – https://search.ipindia.gov.in/GIRPublic/Application/Details/656

Manjusha Artist Ulupi Jha

मंजूषा कला के रंग अब मॉरीशस में !

Manjusha Artist Ulupi Jhaअंग प्रदेश के गौरवशाली इतिहास से जुड़ी मंजूषा कला के रंग अब मॉरीशस में बिखरेंगे ! मॉरीशस में ४ से ७ जुलाई तक बिहार महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है ! इस महोत्सव में बिहार के अलग अलग जिलों से २० कलाकार अपने कला का प्रदर्शन करेंगे ! पहली बार भागलपुरी सिल्क की प्रदर्शनी और बिक्री मॉरीशस में होगी !

मंजूषा कला की वरिष्ठ कलाकार श्रीमती उलूपी झा मंजूषा कला को मॉरीशस में प्रदर्शित करेंगी !

इसके अलावा मधुबनी पेंटिंग में बउवा देवी, भागलपुरी सिल्क में मो० बाबुल , सुजनी शिल्प में संजू देवी , टिकुली पेंटिंग में अशोक कुमार विश्वास , कुश कुमार काष्ठ कला में , पाषाण शिल्प में फिरंगी लाल गुप्ता, सुशीला देवी कशीदा में , निम्मी सिन्हा छापा कला और लाला पंडित टेराकोटा शिल्प को मॉरीशस में होने वाले महोत्सव में प्रदर्शित करेंगे !

अंग प्रदेश और बिहार के लिए ये गौरव की बात है ! सभी कलाकारों को बधाई !

Prabhat-Khabar News Paper Manjusha Art

भागलपुर सैंडिस कम्पाउंड की दीवारें मंजूषा पेंटिंग से सज गई !

मंजूषा कला के बढ़ते कदम ! १५ मई रविवार की सुबह सैंडिस कम्पाउंड, भागलपुर ; मंजूषा कला के लिए ऐतहासिक रहा यहाँ पर ५० से ज्यादा कलाकारों ने अंग प्रदेश की संस्कृति को दीवारों पर उकेरा ! १५० फ़ीट की दीवारें मंजूषा पेंटिंग से सज गई, अनेकों कलाकारों ने इन दीवारों को जीवंत कर दिया !

मंजूषा कला से जुड़े कलाकारों और सांस्कृतिक संगठनों के सामूहिक प्रयास से ये कार्यक्रम सफल हो पाया ! जिला प्रशासन की ओर से इस पहल को साकार किया मंजूषा कलाकारों ने ! मंजूषा की जागरूकता और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे पहचान दिलाने के लिए ये एक सकरात्मक प्रयास था !

मंजूषा गुरु “श्री मनोज पंडित” जी ने इस पुरे कार्यक्रम की रुपरेखा रखी ! सभी कलाकारों को पुरुस्कृत किया गया ! इस आयोजन को सफल बनाने में रेडियो एक्टिव ने भी अहम भूमिका निभाई !

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Manjusha Art Updates Bring By Manjushakala.in Team.

Introduction of Manjusha Art

An Insight View of “MANJUSHA ART” – Video

अंग प्रदेश एक समृद्ध और प्रभावशाली संस्कृति का उदाहरण है ; वर्तमान में ये बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल के हिस्सों में विभाजित है ! उत्तर भारत में अंग प्रदेश का विशीष्ट स्थान है, इसी अंग प्रदेश की पौराणिक मान्यताओं से जुडी है मंजूषा कला ! आइये जाने इसके बारें में ~

It is said that worlds first pictorial art is Manjusha Art which belongs to Angpradesh a part of ancient northern India.
This documentary is done by Siddhant Kumar a student of IIT Mumbai and his team who belongs to modern Angpradesh.

Video Credit : Siddhant Kumar a student of IIT Mumbai